5 दिसंबर 2024 श्रीराम का यश मंगल का धाम है : उमाशंकर शर्मा
तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रतिष्ठा पुरूष पंडित गोरेलाल शुक्ल स्मृति समारोह के अंतर्गत पंडित रामकिंकर सभागार में समापन दिवस पर परमपूज्य महाराजश्री पं. उमाशंकर व्यास ने प्रवचन प्रसंग में गोस्वामी तुलसीदास की बालकांड के समापन पर फलश्रृति की इस आध्यात्मिक व्याख्या की भगवान श्रीराम ईश्वर हैं और सीताजी भक्ति स्वरूपा हैं । वर्णन आया है कि ‘सिय रघुवीर बिबाहु जे सप्रेम गावहिं सुनहिं । तिन्ह कहुँ सदा उछाहु मंगलायतन राम जस ।।’ अर्थात् श्रीसीताजी और श्रीरघुनाथ जी विवाह प्रसंग को जो लोग प्रेमपूर्वक गायेंगे और सुनेंगे उनके लिये सदा ही उत्साह है । क्योकि श्रीरामचन्द्र जी का यश मंगल का धाम है । आपने कहा कि इसका आध्यात्मिक अर्थ है कि जीवन में ज्ञानरूपी श्रीराम और भक्ति रूपा सीता जी दोनों के समन्वय से जीव को पूर्णता प्राप्त होती है । श्रीराम के शील सौन्दर्य, करूणा, साहस भक्त वात्सलता से मानवीय गुणों की शिक्षा मिलती है । इसलिये भगवान के यश को मंगल का धाम कहा गया है । जीव की कुशलता तभी है जब भक्ति के माध्यम से अपने अंतर के दोष दूर कर लें तभी जीव ईश्वर के दर्शन कर सकता है । आपने कहा कि भगवान स्वयं कहते हैं मैं किसी जाति पाति धर्म को नहीं देखता मेरा नाता तो भक्ति से है इसी कारण जनक के यहां भक्ति स्वरूपा जानकी जी का वरण करने के लिये भगवान स्वयं पहुंच जाते हैं । आपने विवाह पंचमी के इस शुभ अवसर पर सभी को मंगल आशीर्वाद देते हुए कामना कि आज भी अपने हृदय में आनंद के धाम श्रीराम और जानकी जी को विराजमान करें तो हमारे जीवन में सदा आनंद बना रहेगा ।
इस अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में श्री सुरेन्द्रकुमार पाण्डेय क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय विद्यालयीन संगठ भारत सरकार नें अपने संबोधन में कहा कि तुलसी मानस प्रतिष्ठान अब समग्र दृष्टि से अध्यात्म, धर्म दर्शन का केन्द्र बन गया है । यह भगवान श्रीराम की कृपा है जिसमें मानस भवन के सभी पदाधिकारियों का अमूल्य योगदान है । आपने पूज्य महाराजश्री एवं कार्यध्यक्ष श्री रघुनंदन शर्मा तथा समस्त समिति के सदस्य एवं सुधी श्रोताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की ।
समापन दिवस पर न्यायमूर्ति आर.डी.शुक्ल स्मूति पुरस्कार से कु. दिशा दिलीप जोध, तथा भाई रत्नकुमार स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से कु. अंशिका कसाना को शाल श्रीफल एवं नगद राशि से सम्मानित किया । इस सम्मान समारोह में श्रीमती संध्या पुरी एवं श्री संजीव पुरी जी को भी उनके प्रतिवर्ष हनुमान जयंती मनाने के लिये दिये आर्थिक योगदान पच्चीस लाख रूप्ये की जमा राशि करने पर सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम में तुलसी मानस भारती पत्रिका के माह दिसंबर 2024 के अंक का विमोचन महाराजश्री के कर कमलो से किया गया ।
इस अवसर पर महाराजश्री का स्वागत करने वालों में रघुनंदन शर्मा कार्याध्यक्ष, राजेन्द्र शर्मा संयोजक, विजय अग्रवाल कोषाध्यक्ष, प्रभुदयाल मिश्र, माधवसिंह दांगी, कैलाश जोशी दीपेश शुक्ला, नितिन गुप्ता मुकुल गुप्ता गोपालसिंह राजपूत आदि ने पूज्य महाराजश्री का पुष्पहार से स्वागत किया।