बेंगलुरु कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए ‘गिरगिट’ करार देते हुए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को चुनौती दी कि वे इस संबंध में जो चाहें करें।
श्री अश्वथ नारायण ने श्री शिवकुमार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलने की धमकी दी थी और इसकी लोकायुक्त जांच की मांग की थी। उन्होंने सिद्दरमैया के मंत्रिमंडल से श्री शिवकुमार को हटाने की भी मांग की।
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा,“हम वास्तविक ठेकेदारों की मदद करना चाहते हैं और इसलिए हमने जांच शुरू की है। उन्हें (अश्वथ नारायण) किसी से संपर्क करने दें, कोई अभियान शुरू करने दें या कोई गेम खेलने दें, मैं अब कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।”
भाजपा नेता श्री शिवकुमार के खिलाफ ‘डीकेएस टैक्स’ के रूप में 15 प्रतित कमीशन के आरोपों और श्री सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतींद्र के खिलाफ तबादलों में रिश्वत के आरोपों को ‘वाईएसटी’ के रूप में संदर्भित कर रहे थे।
उन्होंने कहा,“ श्री अश्वथ नारायण को नवरंगी (गिरगिट) नारायण कहा जाना चाहिए। उन्हें चोरों की रक्षा करने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से अलंकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने वहां अपनी यात्रा पर रामनगर को साफ करने का वादा किया था। उन्होंने क्या साफ किया? उन्होंने जिला के प्रभारी मंत्री के रुप में अपनी पार्टी को रामनगर से साफ कर दिया।”
शिवकुमार ने कहा कि श्री अश्वथ नारायण राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को लेकर अभी भी तनाव में हैं और स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद वह विस्तार से बताएंगे कि उन्होंने बेंगलुरु में क्या काम किया है।
उन्होंने बिलों को मंजूरी न देने के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। श्री शिवकुमार ने कहा,“अगर काम हो गया है तो हम बिलों को मंजूरी देने के लिए बाध्य हैं। भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान बिलों को मंजूरी क्यों नहीं दी?”
उन्होंने कहा,“मैं अगले दो दिनों में दस्तावेज पेश करूंगा। आप चौंक जाएंगे। मुझे उन ठेकेदारों के लिए खेद है जिनका दुरुपयोग किया जा रहा है।”
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर श्री शिवकुमार ने कहा,“श्री रवि को भी इलाज की जरूरत है, आइए हम उन्हें अच्छा इलाज दें।”